अब बैंक नहीं आप स्वयं तय करेंगे अपने डेबिट, क्रेडिट कार्ड की सेवाओं को बंद करना है या चालू करना है

 अब बैंक नहीं आप स्वयं तय करेंगे अपने डेबिट, क्रेडिट कार्ड की सेवाओं को बंद करना है या चालू करना हैअब ग्राहक और ज्यादा शक्तिशाली Debit Card हो जायेंगे। किसी भी डेबिट या क्रेडिट कार्ड की सेवाओं को अब बैंक नहीं ग्राहक 383 make तय करेंगे। रिजर्व बैंक ने देश के सभी सरकारी और निजी बैंकों को निर्देश दिया है कि ग्राहकों को ज्यादा स्वतंत्रता दी जाये। साथ ही बैंकों को कहा है कि अब किसी तरह की खरीददारी या सेवा को शुरू अथवा बंद करने की स्वतंत्रता ग्राहकों को दी जाये। इन सेवाओं में इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम का प्रयोग, ऑन लाइन खरीददारी, पाइंट ऑफ सेल (पीओएस मशीन) में कार्ड स्वाइप करना । केन्द्रीय बैंक के अनुसार अब ग्राहक अपने डेबिट कार्ड के प्रयोग को खुद निश्चित कर पायेंगे। जैसे हम ऑन लाइन शॉपिंग नहीं करते हैं तो इसे खुद बंद कर सकते हैं । इसके अलावा ज्यादातर काई अंतरराष्ट्रीय प्रयोग के लिए पहले से ही अनुमति प्राप्त होते हैं। इसी कारण कार्ड से पैसों की धोखाधड़ी की ज्यादा संभावना होती है। अब ग्राहक खुद अपने डेबिट कार्ड से यह सुविधा हटा सकते हैं। रिजर्व बैंक ने सभी सरकारी और नीति बैंकों को निर्देश दिये हैं कि अपने सभी ग्राहकों को ट्रांजेक्शन अलर्ट, समय-समय पर जानकारियां, बैलेंस का स्टेटस एसएमएस या ईमेल के जरिये देना होगा। इन सेवा में कोई बदलाव नहीं किये जायेंगे। बैंक से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि इन दिनों लगभग सभी बैंक ग्राहकों को इंटरनेशनल कार्ड्स उपलब्ध करवा रहे हैं। वैसे तो इनसे कोई हानि नहीं दिखती, लेकिन सबसे ज्यादा बैंक धोखाधड़ी इन्हीं से होती है। क्योंकि ये कार्ड पूरी दुनिया में कहीं भी प्रयोग में लाये जा सकते हैं। इसलिए कई बार आपकी बैंकिंग जानकारी किसी सोशल साईट या थर्ड पार्टी एप के जरिये लेकर चोर इसका प्रयोग अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्म से पैसे चुराने में करते हैं। इसके अलावा आजकल बैंक वाइफाइ लैस या कांट्रेक्ट लैस ट्रांजेक्शन वाले कार्ड जारी कर रहे हैं। ऐसे कार्यों में 2 हजार तक के लेनदेन में पिन की जरूरत नहीं होती। अगर बेहद जरूरी न हो तो इस सेवा को बंद कराया जा सकता है।